13th NOV 2024- TULSI PUJAN SHIVIR FOR WEALTH & PROSPERITY AT VAJRESHWARI. CALL- 7710812329. Guruji Video Call Consulting fees 5100 (30 Minutes)

  • TIME: 11AM TO 8PM
  • DIVYAYOGA ASHRAM
  • divyayoga.shop@yahoo.com
  • 91 7710812329
  • 91 9029995588

64 yogini Maha sadhana

Buy 64 yogini Maha sadhana

ये भगवान शिव की ६४ कला और आदि-शक्ती का स्वरूप मानी जाती है. ये ब्रम्हांड मे भिन्न-भिन्न कार्य करती रहती है, सृष्ठी के विनाश के बाद ये आदि-शक्ति मे विलीन हो जाती है. ये प्रचंड शक्ति से भरी हुयी सृष्ठी का संचालन करती रहती है. ६४ योगिनी ६४ तन्त्र की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है
In stock (9 items)

$82.50
  • Delivery across Russia
    We will deliver your order by courier throughout India & Abroad by reputed shipping company.
  • Payment online
    Pay for your order by credit card, Debit card, UPI, PayTM, GPay. 
  • Store in Mumbai- Bharat
    Call: divyayogashop@gmail.com

६४ योगिनी महा साधना

ये भगवान शिव की ६४ कला और आदि-शक्ती का स्वरूप मानी जाती है. ये ब्रम्हांड मे भिन्न-भिन्न कार्य करती रहती है, सृष्ठी के विनाश के बाद ये आदि-शक्ति मे विलीन हो जाती है. ये प्रचंड शक्ति से भरी हुयी सृष्ठी का संचालन करती रहती है. ६४ योगिनी ६४ तन्त्र की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती है. एक देवी की भी कृपा हो जाये तो उससे संबंधित तन्त्र की सिद्धी मानी जाती है.

इस साधना को कभी भी हलके में नहीं लिया जा सकता, जिनमे प्राणशक्तिकी कमी हो वो तो इस साधना की शुरुआत भी नहीं कर सकते ,जैसे ही साधक इन्हें आवाहन का मन बनाता है वैसे ही,इनकी सहचरी उपशक्तियां व्यवधान उत्पन्न करने लगती है.घृणा और जुगुप्सा के भाव को ये अति संवेदनशील बनाकर तीव्र कर देते हैं और अंतर्मन में दबा हुआ भय तीव्र होकर बाहर आने लगता है.और साधक का शरीर इस तीव्रता को बर्दाश्त नहीं कर पाता है फलस्वरूप साधक को नुकसान होना शुरु हो जाता है.इसलिए बिना गुरु के व बिना सही साधना सामग्री के ऐसी साधनाओं में हाथ नहीं डालना चाहिये.


योगिनी शब्द योग से बना है . योग अर्थात संतुलन ,योग अर्थात समावेश ,योग अर्थात जोड़ .इस प्रकार साधना के क्षेत्र में साधक यदि पहले योगिनी साधना सफलतापूर्वक कर ले तो आगे की राह बहुत आसान हो जाती है . योगिनी साधना से साधनात्मक जीवन में सबकुछ फ़टाफ़ट होने लगता है . हर साधना पहले प्रयास में ही सफल होती है..,क्योकि हर साधना इनके ही सहयोग से संपन्न होती है और हर साधना की सिद्धिदायक मूल शक्तियां यही हैं,सिद्ध प्रदाता यही हैं. यह साधक और मूल शक्ति के बीच की कड़ी हैं जो साधक तक शक्ति के आने का संतुलन और रास्ता बनाती हैं. सृष्टि में भैरव उत्पत्ति इन्ही योगिनियों की शक्ति से महादेव करते हैं. महादेव के प्रिय गण महा-भैरव वीरभद्र तो सदा योगिनियों के साथ नृत्यरत ही रहते हैं.

इनकी साधना के बाद साधक स्वयं भैरव बन जाता है. योगिनियाँ अपने साधक को संतुलन स्थापित करने की महाकला प्रदान करती हैं फिर साधक कभी भी किसी भी तल पे असंतुलित नहीं होता. उग्र से उग्रतम साधना करने पे भी विचलित नहीं होता. साधना की तीव्रतम ऊर्जा को भी आसानी से संतुलित और ग्रहण कर लेता है, महायोगी बन जाता है. भैरवी अथवा वाममार्गी साधना में साधक भैरवी के साथ साधना भी करता है

चौसठ योगिनी, १. बहुरुप २. तारा ३. नर्मदा ४. यमुना ५. शांति ६. वारुणी ७. क्षेमंकरी ८. ऐन्द्री ९. वाराही १०. रणवीरा ११. वानर-मुखी १२. वैष्णवी १३. कालरात्रि १४. वैद्यरूपा १५. चर्चिका १६. बेतली १७. छिन्नमस्तिका १८. वृषवाहन १९. ज्वाला कामिनी २०. घटवार २१. कराकाली २२. सरस्वती २३. बिरूपा २४. कौवेरी २५. भलुका २६. नारसिंही २७. बिरजा २८. विकतांना २९. महा लक्ष्मी ३०. कौमारी ३१. महा माया ३२. रति ३३. करकरी ३४. सर्पश्या ३५. यक्षिणी ३६. विनायकी ३७. विंद्या वालिनी ३८. वीर कुमारी ३९. माहेश्वरी ४०. अम्बिका ४१ कामिनी ४२. घटाबरी ४३. स्तुती ४४. काली ४५. उमा ४६. नारायणी ४७. समुद्र ४८. ब्रह्मिनी ४९. ज्वाला मुखी ५०. आग्नेयी ५१. अदिति ५२. चन्द्रकान्ति ५३. वायुवेगा ५४. चामुण्डा ५५. मूरति ५६. गंगा ५७. धूमावती ५८. गांधार ५९. सर्व मंगला ६०. अजिता ६१. सूर्य पुत्री ६२. वायु वीणा ६३. अघोर ६४. भद्रकाली, नाम से जानी जाती हैं।

समस्त योगनिओ, का सम्बन्ध मुख्यतः काली कुल से हैं तथा ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखते हैं। ये, सभी तंत्र विद्या में पारंगत तथा योग साधना में निपुण हैं तथा अपने साधको से समस्त प्रकार के कामनाओ को पूर्ण करने में समर्थ हैं। वे देवी पार्वती कि सर्वदा निःस्वार्थ भाव से, सेवा जतन करती रहती हैं तथा देवी पार्वतीभी उन पर अपना आघात स्नेह उजागर करती हैं। देवी ने अपने इन्हीं सहचरी योगिनिओ के क्षुधा निवारण करने हेतु, अपने मस्तक को काट कर रक्त पान करवाया था तथा छिन्नमस्ता नाम से प्रसिद्ध हुई, देवी पार्वती इन्हें अपनी संतानों के तरह स्नेह करती हैं तथा पालन पोषण भी।

६४ योगिनी साधना से लाभ

  • यह साधना करने के बाद प्रत्येक साधना मे सफलता
  • कम समय मे गुप्त व गूढ रहस्यो को प्राप्त करना
  • शत्रुओ पर विजय
  • ब्लैक मैजिक से बचाव
  • हर तरह की शक्तियो का अनुभव करना

64 yogini sadhana samagri

  • 64 yogini maha yantra
  • 64 parad vigrah /64 black stone vigrah
  • Shrangar
  • Bone (Munda mala) mala
  • Siddha asan
  • Raksha sutra
  • Black asan
  • Guru yantra
  • Siddha 7 black chirmi
  • Siddha 3 black kaudi
  • Siddha 3 gomati chakra
  • Siddha Tantrokta nariyal
  • Siddha Perfume
  • 64 yogini mantra
  • 64 yogini sadhana methods

64 yogini sadhana muhurt

  • Day: Tuesday, Purnima, Ashtami
  • Direction: South
  • Time: 4am to 9am between
  • Sadhana Duration: 21 days
  • Sadhana mantra: 11 or 21 rosary
  • Sadhana place: Worship place or any peaceful room

See puja/sadhana rules and regulation

See- about Diksha

See- success rules of sadhana

See- Mantra jaap rules

See- Protect yourself during sadhana/puja