How many type of japa?
सामान्यतः जप ३ प्रकार के होते है...
मानसिक जप
इस जाप मे मन्त्र को मन ही मन मे जपा जाता है। शांती कर्म से संबंधित साधना मे मानसिक जप का उपयोग किया जाता है।
वाचिक जप
इस जप को तन्त्र मे उपयोग किया जाता है, ऊचे स्वर मे जप किया जाता है। उच्चाटन, विद्वेषण, मारण ईत्यादि तीव्र प्रयोग मे वाचिक जप किया जाता है।
उपांशु जप
इस जाप मे मन्त्र को बुदबुदाकर (होठ हिलाकर) जाप किया जाता है। कार्य सिद्धि, गायत्री साधना, गणेश साधना तथा मनोकामना से संबंधित साधना मे उपांशु जप की आवश्यकता होती है।