त्राटक के नियम
योग मे षटकर्म जैसे नेती- धौती-नौली- वस्ती- कपालभाति और धारणा होते है.. जिसमे नेती- धौती-नौली- वस्ती- कपालभाति ये ५ क्रियाये शारीरिक शुद्धीकरण के लिये माने जाते है... और छठवी क्रिया धारणा जिसे त्राटक भी कहते है ये मानसिक शुद्धीकरण के लिये मानी जाती है...
त्राटक का अर्थ है कि बिना पलक झपकाये एकटक किसी वस्तु- चित्र को देखते रहना.
त्राटक २ तरह के माने जाते है.
- बाह्य त्राटक (बाह्य त्राटक जैसे कि बाहर की कोई भी वस्तु, चित्र पर त्राटक करना)
- अंतर त्राटक (अंतर त्राटक यानी किसी वस्तु - चित्र को अपने ध्यान मे लाकर त्राटक करना)
त्राटक के नियम
अगर आप त्राटक का अभ्यास करना चाहते तो कुछ नियम का पालन अवश्य करे. जैसे...
- अघिक तेल, मिर्च, मसाले, खटाई, मांस, धूम्रपान, मद्यपान कम करे....
- सुबह का अभ्यास सबसे अच्छा माना जाता है....
- त्राटक का अभ्यास स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है....
- त्राटक का संबंध किसी जाति, धर्म, से नही है...
- १८ वर्ष के ऊपर कोई भी ब्यक्ति बाह्य त्राटक का अभ्यास कर सकता है...
- १२ वर्ष से ७० वर्ष तक कोई भी अंतर त्राटक कर सकता है...
- त्राटक करने के लिये आपका कमरा शोरगुल से दूर शांत होना चाहिये...
- कमरे मे मक्खी, मच्छर न हो इसका ध्यान रखे...
- कमरे का वातावरण सुगंधित बनाने के लिये इत्र का उपयोग करे...
- त्राटक का अभ्यास कुर्सी या जमीन पर आसन बिछाकर करे...
- बिस्तर पर भी बैठकर अभ्यास कर सकते है लेकिन गुरु, देवी-देवताओ के चित्र पर त्राटक करना हो तो जमीन पर या कुर्सी पर बैठ कर करे....
- किसी त्राटक के अभ्यास को बीच मे बिल्कुल न छोडे... त्राटक के अभ्यास को १० मिनट के ऊपर कभी न ले जाय....
- किसी भी वस्तु पर त्राटक कर रहे हो तो उसका अभ्यास २१ दिन तक अवश्य करे.....
- त्राटक करने बाद ऑखो मे पानी अवश्य मारे...
- मिरर त्राटक करते समय कुछ डरावने अनुभव होते है क्योकि आपका ही चेहरा आईने मे विकृत रूप से दिखाई देता है, इसलिये डरने की जरूरत नही है....
- मिरर त्राटक मे स्त्री अपने प्रतिबिम्ब की बाई आख मे देखकर त्राटक का अभ्यास करे,,,
- और पुरुष अपने प्रतिबिम्ब की दाहिनी आख मे देखकर त्राटक करे... १० मिनट के ऊपर त्राटक करने पर आखो मे नुकसान होगा,...
- आखो की रोशनी धुंधली हो जायेगी.. तथा ज्यादा देर तक त्राटक करने से गर्मियो मे ब्यक्ति को २-२ दिखाई पड सकते है..
- इसलिये जोश मे ज्यादा देर तक यानी ६ से १० मिनट के ऊपर अभ्यास न करे....
- अगर आपके आखो मे नम्बर का चश्मा लगा हुआ है तो चश्मा लगाकर ही अभ्यास करे...
- हमेशा किसी योग्य जानकार के मार्ग दर्शन मे ही अभ्यास करे...
- याद रखे हमे त्राटक से बहुत ही लाभ मिलता है लेकिन धीरे धीरे व नियमित अभ्यास करने पर ही....
- जल्दबाजी मे आखो पर दबाव न डाले..
अंत मै इतना ही कहना चाहुंगा कि त्राटक का अभ्यास कोई भी कर सकता है. इसमे कोई मन्त्र जपने की जरूरत नही है...इसके अनगिनत लाभ मिलते है.. जरूरत है संयम, विश्वास और नियमित अभ्यास की... आशा है कि इस त्राटक के नियम का पालन करके आप पने जीवन सफल होगे.