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 March 9, 2016 

Get benefits from holi day

wednesday 23rd march 2016 holika dahan

Thursday 24th march 2016 Ranga panchami

One of the leading celebrations of India, Holi is celebrated with enthusiasm and gaiety on the full moon day in the month of Phalgun which is the month of March as per the Gregorian calendar.


Holi festival may be celebrated with various names and people of different states might be following different traditions. But, what makes Holi so unique and special is the spirit of it which remains the same throughout the country and also across the globe, wherever it is celebrated.

Entire country wears a festive look when it is time for Holi celebration. Market places get abuzz with activity as frenzied shoppers begin making arrangements for the celebration. Heaps of various hues of gulal and abeer can be seen on the edge days before the festival. Pichkaris in innovative and modern design too come up every year to lure the children who would like to collect them as Holi memorabilia and of course, to drench everyone in the town.

Womenfolk too begin to make early preparations for the holi festival as they cook countless gujiya, mathri and papri for your loved ones as well as the relatives. At some places mainly in the north females also make papads and potato chips at this time.

In spiritual we can say holi muhurt is powerful for gaining wealth, prosperity, Uchchatan, vashikaran and Vidveshana. Lots of sadhak wait for this muhurth for fulfill all wishes.

This day you can perform any sadhana, pooja, diksha for success.

You can do....

 March 8, 2014 

Holi-16th March 2014

होलिका दहन

holi 2014

इस दिन क्या करें

एक नारियल लेकर अपने ऊपर ११ बार घुमाकर (मन मे मनोकामना करे कि मेरी सारी समस्याये, बुराईयां, बुरी आदते, व्यसन, जाने-अंजाने किये गये पाप, बिमारियां ईत्यादि सभी इस होली मे भस्म हो रहे है ) होली मे विसर्जित कर दे। यह क्रिया परिवार का हर व्यक्ति कर सकता है, या एक नारियल लेकर परिवार के सभी सदस्य के ऊपर ११-११ बार घुमाकर होलिका मे डाला जा सकता है।

 होलिका दहन मे जरुर भाग लें | अगर किसी वजह से आप रात में होलीं जलाने के वक्त शामिल न हो पायें तो अगले दिन सुबह सूर्य उदये से पहले जलती हुई होली के निकट जाकर तीन परिक्रमा करें | होली में अलसी , मटर ,चना गेंहू कि बालियाँ और गन्ना इनमे से जो कुछ भी मिल जाये उसे होली की आग में जरुर डालें |

परिवार के सभी सदस्यों के पैर के अंगूठे से लेकर हाथ को सिर से ऊपर पूरा ऊँचा करके कच्चा सूत नाप कर होली में डालें |

होली की विभूति यानि भस्म (राख) घर जरुर लायें पुरुष इस भस्म को मस्तक पर और महिला अपने गले में , लगाने से एश्वर्य बढ़ता है |

इस दिन कामदेव की पूजा करने पर वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है | अगर कामदेव की साधना नही कर पाये तो कामदेव मंत्र  "ॐ कामदेवाय मम् कार्य कुरु कुरु नमः" १०८ बार अवश्य करे।

होली शुभ दिन पर मन में किसी भी प्रकार का शत्रुता का भाव न रखें, इससे साल भर आप शत्रुओं पर विजयी बने रहते है |

घर आने वाले मेहमानों को सौंफ और मिश्री या मिठाई जरुर खिलायें, इससे अपनापन प्रेम भाव बढ़ता है |

होली - रंग पंचमी

सबसे पहली बात यह है कि रंग जरुर खेले इस दिन रंग खेलने से जीवन में खुशियों के रंग आते है और उदासी और क्लेश दूर हो जाते है| अगर आप घर से बाहर जा कर होली नहीं खेलना चाहते हैं तो घर पर ही होली खेले |

सुबह सुबह पहले भगवान को रंग चढ़ा कर ही होली खेलना शुरू करे |

किस रिश्ते के किस अंग में रंग लगायें-
माता – पैर

पिता -पैर
पत्नी / पति – सर्वांग (पूरे शरीर मे रंग लगा सकते है, इससे आपसी प्रेम बना रहता है)

बड़ा भाई -मस्तक (माथे पर रंग लगाये)

छोटा भाई – भुजायें

बड़ी बहन – हाथ और पैर पर

छोटी बहन – गाल,

बड़ी भाभी / देवर – हाथ और पैर पर

ननद और देवरानी-  सर्वांग (पूरे शरीर मे रंग लगा सकते है, इससे आपसी प्रेम बना रहता है)

छोटी भाभी -सर और कन्धे पर