सहस्त्रार चक्र कैसे सिद्ध करें ?
यह चक्र का स्थान सिर के बीच मे यानी जिस जगह लोग चोटी रखते है वह जगह माना जाती है सहस्त्रार चक्र में त्राटक करने से उस चक्र में प्राण और मन स्थिर होता है, इससे आपके अंदर बुरे कर्मो का नाश होकर, ब्यसन मुक्त होकर योग के मार्ग या अच्छे कर्म करने इच्छा बलवती होती है. आपकी आवाज भी निर्मल हो जाती है यानी कठोर स्वभाव से नरम स्वभाव हो जाता है. इसी चक्र से समाधी मे जाने की क्रिया शुरु हो जाती है. तथा इट्यूशन का अनुभव आना शुरु हो जाता है... इंट्यूशन का अर्थ है कि.....
अब जानते सहस्रार चक्र पर त्राटक कैसे करे
To know how to activate sahastrar chakra
एक शांत कमरे का चुनाव करे कमरे मे रोशनी थोडी कम रखे.. अब अपने ठीक सामने सहस्रार चक्र का चित्र दिवार पर लगाकर जमीन पर या कुर्सी पर बैठ जाय. .. और २१ बार श्वास खीचे तथा छोडे. अब ॐ मन्त्र का उच्चारण १ मिनट तक करे.. अब एकटक उस चक्र को देखते रहे... देखते ही देखते आज्ञा चक्र मे सुनहरे रंग की रोशनी दिखाई देने लगेगी.. पहले दिन यह अभ्यास ५ मिनट तक ही करे.... अब दुसरे दिन अभ्यास पुनः शुरु करे.. और ॐ मन्त्र का उच्चारण १ मिनट तक करे.. और सहस्रार चक्र पर त्राटक यानी एकटक देखते रहे.... इस तरह से रोज ५ मिनट और २१ दिन तक अभ्यास नियमित करे... इस अभ्यास से आपका सहस्रार चक्र या क्राउन चक्र चैतन्य होने लगता है.. सहस्रार चक्र का संबंध वॉयलट रंग से यानी बैगनी रंग से है... इसलिये जो कुछ भी महसूस होगा वह वॉयलेट कलर मे ज्यादा दिखाई दे तो समझये कि आप सही रास्ते पर है... यह चक्र आपके अंदर के तमाम कमियो को दूर करने लगता है... मन मे अच्छे विचार लाता है... यह चक्र चैतन्य होने पर ही कुंडलिनी जागरण की शुरुवात होती है...इस त्राटक से स्मरण शक्ति, आत्मविश्वास, मनोबल, इच्छाशक्ति की बढोतरी होनी शुरु हो जाती है. इसलिये इस सहस्रार चक्र का नियमित अभ्यास करे और अपने कार्यक्षेत्र मे सफलता पाये... आशा है कि आप इस नियम का पालन व अभ्यास करके अपने आपको स्वस्थ व निरोगी बनायेंगे तथा लोगो की मदत भी करेंगे.