April 12, 2014

भगवान श्री राम स्तुति

Rama Stuti

पारिवारिक सुख-शांती के लिये राम स्तुति का पाठ करे।

श्रीरामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भव भय दारुणं |

नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर-कंज पद कंजारुणं ||

पट पीत मानहु तड़ित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरं ||

भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्यवंश-निकन्दनं |

रघुनंद आनँदकंद कोशलचंद दशरथ-नन्दनं ||

सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणं |

आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खरदूषणं ||

इति वदति तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मन-रंजनं |

मम ह्रदय-कंज निवास कुरु, कामादि खल-दल-गंजनं ||

मनु जाहिं राचेउ मिलिहि सो बरु सहज सुन्दर साँवरो |

करुना निधान सुजान सीलू सनेहु जानत रावरो ||

एहि भाँति गौरी असीस सुनि सिय सहित हियँ हरषीं अली |

तुलसी भवानिहि पूजि पुनि पुनि मुदित मन मंदिर चली |

जानि गौरि अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि |

मंजुल मंगल मूल बाम अंग फरकन लगे ||
  Rama Stuti