पंचांगुली साधना के रहस्य
पंचांगुली साधना - इसे हम पंचांग की देवी की साधना भी कह सकते है, यह एक ऐसी विद्या है जो मनुष्य की चैतन्य शक्ती को जाग्रत कर देती है. जिससे वह सामने वाले के मष्तिष्क व विचारो से जुडने लगता है. और भविष्य के अज्ञात रहस्य उसके सामने खुलने शुरु हो जाते है. इस पंचांगुली विद्या को प्रमुख रूप से प्रचारित करने वाले रिषी कणाद, अंगिरस व अत्रेय माने जाते है. आज के युग मे भी लोग इस पंचांगुली साधना को सिद्ध कर रहे है. हर मनुष्य के मन मे भविष्य जानने की उत्सुकता बनी रहती या भविष्य के गर्भ मे जाने की व जानने की ललक बनी रहती है. वह चाहता है कि कोई ऐसी ब्रम्हांड की शक्ति से वह जुड जाय कि किसी की भी ब्यक्ति के भूत- भविष्य- वर्तमान को जान सके.
आज बहुत सी पद्ध्तिया आ चुकी है जो कि भूत- भविष्य- वर्तमान का ज्ञान कराती है. जैसे एस्ट्रोलोजी, पामेस्ट्री, नंबरोलोजी, रमल शास्त्र, टैरो कार्ड रीडिंग, स्वर शास्त्र, कौडी विज्ञान इसके अलावा बहुत सी पद्धतिया प्रचलित है.
माता पंचांगुली काल ज्ञान की देवी है. इनकी साधना की सिद्धी के द्वारा साधक को आने वाली दुर्घटना या होने वाली दुर्घटना का अहसास होने लगता है. तथा पंचांगुली साधना के द्वारा ब्यक्ति... ज्योतिष, पामेस्ट्री, न्यूम्रोलोजी, रमल शास्त्र, टैरो रीडिंग, प्लानचेट, कौडी विज्ञान मे पारंगत हो जाता है. अगर आप किसी ब्यक्ति को अध्यात्मिक उपचार करते है जैसे रेकी हीलिंग, प्राणिक हीलिंग, डिस्टेंस हीलिंग, फोटो थेरिपी, टेली पैथी. ...... तो आप देखेंगे कि इस साधना को सिद्ध करने के बाद आपकी उपचार करने की क्षमता १० गुना ज्यादा बढ जाती है. इसके अलावा जब भी आप सामने वाले ब्यक्ति को कोई राय - उपाय या मशवरा देते है, तो आप देखेंगे कि आपके दिये हुये उपाय उस ब्यक्ति के लिये अचूक होते है.
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अब पृश्न यह उठता है कि ऐसा क्यो होता है तो यहा पर यही कहा जा सकता है कि ब्रम्हांड की उर्जा आपके मष्तिष्क के माध्यम से सामने वाले ब्यक्ति के मष्तिष्क से जुडने लगती है. जब सामने वाला ब्यक्ति आपसे कोई पृश्न करता है उस समय आप सामने वाले ब्यक्ति के बारे मे सोचे तो तुरंत ही उस ब्यक्ति का ब्यवहार व स्वभाव का अंदाज आना शुरु हो जाता है. ऐसे समय आप अपने बारे मे उसके मन मे पॉजीटिव व निगेटिव विचारो को भी जान सकते है. जिससे आप उस ब्यक्ति से सतर्क रह सकते है. और इसके अलावा उस ब्यक्ति के पूछे गये पृश्न के समाधान मे आप जो भी उपाय उसे बतायेगे वह उस ब्यक्ति के लिये अचूक होगा. यहा तक की आप किसी मीटिंग या बिजनेस संबंधित मीटिंग मे बैठे है तो इस साधना के द्वारा आपको सामने वाले के मन मे अपने प्रति निगेटिव या पॉजीटिव विचारो को पढना आसान हो जाता है. जैसे यह आपको कही बिजनेस मे धोका तो नही देगा या फसाने की कॉइ चाल तो नही है? इस सब बातो का अंदाज आ जाता है. इससे आप बडे नुकसान से बच जाते है.
कहने का अर्थ यही है कि पंचांगुली साधना के द्वारा आप अपनी अध्यात्मिक क्षमता व उपचार करने की क्षमता को बढा सकते है. आपकी इंट्यूशन पॉवर बढ जाती है. मेरी राय मे जितने भी एस्ट्रोलॉजर, हीलर, अध्यात्मिक उपचार करने वाले लोग है, उन्हे यह साधना अवश्य करनी चाहिये तथा समाज मे लोगो की मदत करनी चाहिये