जानिये ध्यान के नियम !
आज के इस कलियुग मे लोग आगे बढने के लिये गला-काट प्रतिष्पर्धा
मे लगे हुये है. साम-दाम -दंड- भेद यानी किसी भी तरह से लोग आगे
बढना चाहते है. इसके लिये वे हर तरह के अच्छे-बुरे कार्य करने को
तैयार रहते है. आगे बढने की ईच्छा उन्हे शांत रहने नही देती. हमेशा
तनाव मे रहने की आदत हो जाती है. परिणाम स्वरूप शरीर को भी नुकसान
होना शुरु हो जाता है. अगर आप मेहनत करके अपने जीवन मे कुछ पा भी
जाते है, तब तक आप शारीरिक व मानसिक रूप से बहुत नुकसान उठा चुके
होते है.हम ये नही कहते कि आप अपना कार्य नही करे. हम तो सिर्फ ये
कहते है कि २४ घंटे मे सिर्फ ५ मिनट अपने मन के लिये भी दे. इसके
लिये ध्यान से बढकर कोई उपाय नही है. इसलिये आज हम सबसे पहले जानेगे
कि ध्यान करने नियम क्या है.
See Meditation rules
- ध्यान हमेशा एक ही जगह पर करना चाहिये.
- हर उम्र के स्त्री-पुरुष- बच्चे ध्यान का अभ्यास कर सकते है.
- हमेशा ठंडे पानी से नहॉ-धोकर पवित्र भाव से ही ध्यान करना चाहिये.
- ध्यान हमेशा लकडी की चौकी पर, चटाई पर, सूती आसन या ऊनी आसन पर बैठकर करना चाहिये.
- ध्यान करते समय ढीले-ढाले वस्त्र ही पहने.
- काले व नीले रंग को छोडकर कोई भी रंग का वस्त्र पहना जा सकता है
- ध्यान का समय बृम्ह मुहुर्थ यानी सुबह ४ से ६ बजे के बीच का शुभ होता है.
- २४ घंटे मे कम से कम १० मिनट तक अध्यात्मिक किताबे अवश्य पढे.
- जिन्होने गुरु मन्त्र लिया है, वे ११ बार गुरु मन्त्र का जाप कर के ही ध्यान का अभ्यास करे.
- मासिक-धर्म के दौरान स्त्रियॉ ३ दिन तक अभ्यास के पहले गुरु मन्त्र न जपे.
- अगर आप बिमार है तो गुरु से आज्ञा लेकर ही अभ्यास करे.
- वैसे तो ध्यान का किसी धर्म संप्रदाय से कुछ भी लेना देना नही है, फिर भी अगर आप ध्यान कर रहे है तो अपने-अपने धर्म से संबंधित ईश्वर का नाम लेकर ही अभ्यास करे.
क्या नही करना चाहिये...
- व्यसन यानी धूम्रपान-मद्यपान न करे.
- मांसाहारी व तामसिक पदार्थ का सेवन कम करे.
- मिर्च-मसाला, खटाई, तली हुयी चीजो से दूर रहने की कोशिश करे.
- सिंथेटिक कपड़े नहीं पहनने चाहिये.
- धातु के आभूषण, चमडे के वस्तुये दूर रखे.
- रुद्राक्ष, चंदन, तुलसी तथा हकीक स्टोन की मालाये पहन सकते है.
- अभ्यास के दौरान चश्मा न पहने.
- अभ्यास के दौरान शरीर मे उर्जा बढ जाती है, इसलिये अभ्यास के बाद तुरंत पानी न पिये.
आशा है कि ये उपाय से ध्यान करने मे मदत मदत मिलेगी.